Friday 15 April 2016

Best Ways of Earning from Home in Hindi (घर बैठे ऑनलाइन कमाने के आसान तरीके)



घर बैठे ऑनलाइन करियर के बेस्‍ट ऑप्‍शन

आज हम आपको घर से कमाने के आसान तरीको में बारे में बताने जा रहे  । इंटरनेट और कम्प्यूटर आज हमारी जिन्दगी का वो अहम हिस्सा बन चुके हैं जिसके बिना शायद ही हम अपनी पूरी जिन्दगी बिता सकें। चाहे दोस्तों से बात करना हो, लेटेस्ट गाने, समाचार, वीडियो कुछ भी देखना हो तो हम इंटरनेट के बिना कुछ भी नही कर पाएंगे। वैसे तो हम हमारे पीसी या लैपटॉप के सामने बैठकर घंटो निकाल देते हैं लेकिन सोचिए अगर आप उसी समय में पैसा भी कमा लें तो कितना अच्छा हो। ये सपना या कोई ख्याली पुलाव नहीं है। ये सच है। आज के दौर में ऑनलाइन अर्निंग का क्रेज बढ़ता जा रहा है। आप भी अपने पीसी या लैपटॉप के सामने बैठकर और इंटरनेट से जुड़ कर कुछ बेहतर कमाना चाहते हैं, तो ऑनलाइन-अर्निंग एक बेस्ट ऑप्शन हो सकता है। कुछ चीजें ध्यान में रखकर आप इस काम को शुरू कर सकते हैं। इसके लिए न तो आपको कोई ऑफिस स्पेस किराए पर लेने की जरूरत है और न ही आपका कोई बॉस होगा। बस ध्यान रखनी होगा डेड लाइन और एक्यूरेसी का। जानिए कैसे कर सकते हैं ऑनलाइन अर्निंग…

सब्जेक्ट पर है गहरी पकड़ तो दें ऑनलाइन ट्यूशन
अगर आपकी किसी सब्जेक्ट में गहरी रूचि है या अच्छी पकड़ है, तो आप ऑनलाइन ट्यूशन दे कर अर्निंग कर सकते हैं। आप घर बैठे दुनिया के किसी भी कोने में रह रहे स्टूडेंट को ऑनलाइन पढ़ा सकते हैं। ऑनलाइन ट्यूटरिंग नॉलेज प्रॉसेस आउटसोर्सिंग (केपीओ) का एक हिस्सा है, जो दूर बैठे टीचर और स्टूडेंट्स के बीच कॉन्टेक्ट बनाता है। इस माध्यम से स्टूडेंट वर्चुअली टीचर के साथ इंटरैक्शन कर सकते हैं साथ ही कंफर्टेबल होकर पढ़ाई भी करते हैं। लाइव-ई-ट्यूटरिंग के तरह एक वर्चुअल क्लासरूम होता है, जहां वर्चुअल टूल, व्हाइटबोर्ड और चैटिंग की सुविधा होती है। इसके अलावा, ऑनलाइन राइटिंग लैब के तहत स्टूडेंट्स ट्यूटर को अपनी प्रॉब्लम्स ड्राट करके भेज देते हैं और तय वक्त में ट्यूटर को रेस्पॉन्स करना होता है। क्रिएटिव लोगों के लिए ऑनलाइन ट्यूशन का ऑप्शन बेस्ट है। साथ ही अगर कुछ टीचिंग एक्सपीरियंस है तो यह सोने पर सुहागा होगा। इसे पार्ट टाइम और फुल टाइम दोनों तरह से अपना सकते हैं। वैसे, ऑनलाइन- ट्यूटर बनने के लिए सब्जेक्ट पर अच्छी कमांड होनी चाहिए। टीचिंग एप्टीट्यूड और कंप्यूटर नॉलेज भी जरूरी होता है। स्टूडेंट आपका ट्रायल भी ले सकते हैं। इसके लिए तैयार रहें। विदेशी स्टूडेंट्स को ट्यूशन देकर घर बैठे डॉलर कमा सकते हैं।

ऑनलाइन रिसर्च भी अच्छा विकल्प
ऑनलाइन रिसर्च वर्क भी कमाई का अच्छा जरिया बनता जा रहा है। आप किसी सब्जेक्ट के स्पेशलिस्ट हैं, तो उसे ऑफिस वर्क तक सीमित न रखें, उस सब्जेक्ट में दूसरों को एडवाइज देकर अर्निंग कर सकते हैं। उदाहरण के लिए किसी को साइंस से रिलेटेड कोई ई-बुक लिखनी है लेकिन उसके पास रिसर्च के लिए टाइम नहीं है, तो वह जॉब ऑनलाइन रिसर्च कंपनी को सौंप देता है। अब आपकी जिम्मेदारी होगी कि आप क्लाइंट के लिए इन्फॉर्मेशन इंटरनेट पर सर्च करें। कई बार क्लाइंट को मीटिंग से पहले किसी सब्जेक्ट पर प्रजेंटेशन बनानी होती है, लेकिन टाइम नहीं है तो ऑनलाइन रिसर्च एजेंसी के जरिए यह कर सकते हैं। आपकी जिम्मेदारी होगी कि यह काम तय समय सीमा के भीतर हो और इन्फॉर्मेशन ऑथेंटिक हो। आप इस तरह का वर्क ऑनलाइन रिसर्च एजेंसी की मदद से शुरू कर सकते हैं। कुछ एजेंसीज अपनी टीम का हिस्सा बनाने के लिए टेस्ट भी लेती हैं, जो प्रोफाइल के मुताबिक होता है। टेस्ट क्वालिफाई करने के बाद टीम का हिस्सा बन सकते हैं। वहीं प्लेसमेंट वेबसाइट्स पर भी ऑनलाइन रिसर्च जॉब्स पर नजर रख सकते हैं।

लिखने के शौक को कमाई मे बदलें
अगर आप अपने मन के विचारों को शब्दों में ढाल सकते हैं तो आप दूसरे ब्लॉग्स या साइट्स जैसे वेबलॉग्स पर लिखकर कमाई कर सकते हैं। पेड राइटिंग जॉब्स के लिए न तो किसी एक्सपीरियंस हिस्ट्री की जरूरत होती है और न ही डिग्री-डिप्लोमा या स्पेशल ट्रेनिंग की। पेड राइटिंग फ्रीलांस जॉब है, जिसमें आप अपनी सहूलियत के मुताबिक काम कर सकते हैं। फ्रीलांस राइटर होने के नाते क्लाइंट की जरूरत के मुताबिक आर्टिकल लिखने होते हैं। फ्रीलांस राइटर के लिए सबसे जरूरी है लैंग्वेज नॉलेज और कंटेंट की क्वॉलिटी। नए राइटर्स को पहले किसी राइटिंग या पब्लिशिंग वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराना होता है। कुछ कंपनियां राइटिंग के सैंपल मांगती हैं तो इसके लिए राइटर को कुछ आर्टिकल लिखकर अपलोड करने होते हैं। वहीं कुछ मामलों में राइटर्स को अपफ्रंट पेमेंट यानी अग्रिम भुगतान भी दिया जाता है लेकिन यह कंटेंट और राइटिंग क्वॉलिटी पर निर्भर करता है। वहीं कुछ वेबसाइट्स परफॉरमेंस के मुताबिक पे करती हैं। यानी कि अगर आर्टिकल पब्लिश होने के बाद साइट पर व्यूवर बढ़ जाते हैं तो अच्छे पैसे मिल जाते हैं।

कम्युनिकेशन स्किल अच्छी है तो इंटनेट मार्केटिंग करें
वेबसाइट, पोर्टल या ब्लॉग को लॉन्च करना तो बेहद आसान है, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती है वेबसाइट, पोर्टल या ब्लॉग की मार्केटिंग। ऐसे में ऑनलाइन मार्केटिंग या इंटरनेट मार्केटिंग की भूमिका सामने आती है। अगर आपकी कम्युनिकेशन स्किल अच्छी है, इंग्लिश पर कमांड है और वेब टेक्नोलॉजी जानते हैं, तो कहीं बाहर जाने की जरूरत नहीं है। आप घर बैठे ही सेल्समैन बन सकते हैं। इंटरनेट मार्केटिंग कंपनियों और कंज्यूमर्स को कनेक्ट करता है। इंटरनेट मार्केटिंग के जरिए वेब वर्ल्ड का रास्ता खुलता है, जो एक वेबसाइट या ब्लॉग की प्राइमरी रिक्वॉयरमेंट है। इसके अलावा, सोशल मीडिया मार्केटिंग के तहत भी अर्निंग कर सकते हैं। इसमें किसी सर्विस या प्रोडक्ट की सोशल नेटवर्क साइट्स, जैसे- फेसबुक, लिंक्डइन, यू-ट्यूब, ट्विटर और गूगल प्लस के जरिए मार्केटिंग की जाती है। इसमें इन साइट्स पर प्रोडक्ट या सर्विसेज का एक प्रोफाइल बनाया जाता है और कंटेंट को रोजाना अपडेट किया जाता है, ताकि अधिक से अधिक यूजर इसे लाइक करें। अगर आप इस मोड से मार्केटिंग करना चाहते हैं तो आपके लिए बेहतरीन विकल्प है।

ब्लॉग
यदि आप ब्लॉगिंग करते हैं, तो अपने ब्लॉग पर ऐड लगा कर अर्निंग कर सकते हैं। इसके लिए आपको गूगल ऐड सेंस पर रजिस्टर होना होगा। इसके बाद गूगल आपके ब्लॉग या साइट पर कंटेंट के अनुसार ऐड लगाना शुरू कर देता है। इसके लिए जरूरी है कि आपकी साइट रेगुलर अपडेट होती रहे। साइट पर कंटेंट और विजिटर्स को लेकर गूगल लगातार मॉनिटरिंग करता रहता है। एक निश्चित अमाउंट होने पर आप ये मनी अपने एकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं। अगर आपके पास ब्लॉग या वेबसाइट नहीं है तो गूगल ब्लॉग पर अपना ब्लॉग बना सकते हैं। ब्लॉग में ऑरिजनल कंटेंट का इस्तेमाल करें। इस बात का ध्यान रखें कि दूसरी वेबसाइट्स या ब्लॉग से कंटेंट कॉपी न करें। क्वालिटी कंटेंट अगर खरीद सकते हैं, तो बढ़िया रहेगा। ध्यान रखें कि गूगल पोर्न, कसिनो या गैंबलिंग, ड्रग या हैकिंग साइट्स को सपोर्ट नहीं करता है। एडसेंस सिर्फ इंग्लिश कंटेंट को रजिस्टर करता है। अन्य भाषाओं जैसे हिन्दी पर यह काम नहीं करता। गूगल दूसरी कंपनियों के विज्ञापनों को अपने लाखों रजिस्टर्ड मेंबर्स की वेबसाइट्स या ब्लॉग पर पब्लिश कर देता है। जब भी उन विज्ञापनों पर कोई क्लिक करता है तो उस क्लिक के एवज में गूगल को उसके गूगल एडवर्ड्स प्रोग्राम के तहत उसके कस्टमर्स से पैसे मिलते हैं। क्लिक के बदले मिली रकम का एक छोटा-सा हिस्सा गूगल अपने उस रजिस्टर्ड मेंबर्स को भी देता है, जिसकी वेबसाइट या ब्लॉग में पब्लिश विज्ञापन पर क्लिक किया गया था।

पेड राइटिंग
अगर आपको लिखने का पैशन है, तो दूसरे ब्लॉग्स या साइट्स जैसे वेबलॉग्स पर लिखकर कमाई कर सकते हैं। पेड राइटिंग जॉब्स के लिए न तो किसी एक्सपीरियंस की जरूरत होती है और न ही डिग्री-डिप्लोमा या स्पेशल ट्रेनिंग की।  पेड राइटिंग फ्रीलांस जॉब है, जिसमें अपनी सहूलियत के मुताबिक काम कर सकते हैं।  फ्रीलांस राइटर होने के नाते क्लाइंट की जरूरत के मुताबिक आर्टिकल लिखने होते हैं।  फ्रीलांस राइटर के लिए सबसे जरूरी है लैंग्वेज नॉलेज और कंटेंट की क्वॉलिटी।

इंटरनेट मार्केटिंग
वेबसाइट, पोर्टल या ब्लॉग को लॉन्च करना तो बेहद आसान है, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती है वेबसाइट, पोर्टल या ब्लॉग की मार्केटिंग।  ऐसे में ऑनलाइन मार्केटिंग या इंटरनेट मार्केटिंग की भूमिका सामने आती है।  अगर आपकी कम्युनिकेशन स्किल अच्छी है, इंग्लिश पर कमांड है और वेब टेक्नोलॉजी जानते हैं, तो कहीं बाहर जाने की जरूरत नहीं है।  घर बैठे ही सेल्समैन बन सकते हैं।  इंटरनेट मार्केटिंग कंपनियों और कंज्यूमर्स को कनेक्ट करती है।  इंटरनेट मार्केटिंग के जरिए वेब वर्ल्ड का रास्ता खुलता है, जो एक वेबसाइट या ब्लॉग की प्राइमरी रिक्वॉयरमेंट है।  इसके अलावा, सोशल मीडिया मार्केटिंग के तहत भी अर्निंग कर सकते हैं।

ऐप डेवलपर्स
स्मार्टफोन यूजर्स की बढ़ती संख्या और इसमें लगभग हर दिन आने वाले नए एप्लीकेशंस (ऐप्स) ने इस मार्केट को काफी तेजी प्रदान की है। एप्लीकेशंस की बढ़ती मांग ने ऐप डेवलपर्स की डिमांड बढ़ा दी है। जिस तरह से वर्ष 2014 में ऐप्स मार्केट में हर दिन नए-नए एप्लीकेशन आते रहे, उससे कहीं ज्यादा नए ऐप्स आने वाले दिनों में आ सकते हैं। कंपनियां भी हर दिन नए ऐप्स डेवलप और अपडेट कर रही हैं। इसके लिए वे स्किल्ड ऐप डेवलपर्स या प्रोफेशनल्स को हायर कर रही हैं। इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अनुसार, मार्च 2015 तक भारत में मोबाइल यूजर्स का आंकड़ा 165 मिलियन को पार कर जाएगा। आने वाले दिनों में इसमें स्किल्ड लोगों के लिए बेहतर अवसर होंगे।

डाटा एनालिस्ट
ऑनलाइन कस्टमर्स की बढ़ती संख्या और ई-कॉमर्स के बढ़ते दायरे ने देश में डाटा एनालिसिस के काम को काफी तेजी से बढ़ाया है। कंपनी के डाटा को सुरक्षित रखना, उनका सही तरीके से विश्लेषण करना, उपभोक्ताओं के डाटा के बारे में संपूर्ण जानकारी रखना, उनसे बेहतर तालमेल बनाए रखने के साथ-साथ उसे सुरक्षित रखने के लिए डाटा एनालिस्ट की डिमांड बढ़ गई है। ऑनलाइन सेक्टर के बढ़ते दायरे की वजह से आने वाले वर्षों में इसमें और बेहतर मौके आएंगे।

डिजिटल मार्केटिंग
इंटरनेट यूजर्स की बढ़ती संख्या ने डिजिटल मार्केटिंग को बढ़ावा दिया है। आज सभी छोटी-बड़ी कंपनियां प्रमोशन और प्रोडक्ट सेलिंग के लिए डिजिटल माध्यम का सहारा ले रही हैं। डिजिटल माध्यम के बढ़ते दायरे ने इस क्षेत्र में युवाओं के लिए रोजगार के काफी बेहतर मौके उपलब्ध कराए हैं। वर्तमान में देश में इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या लगभग 200 मिलियन है और आने वाले वर्षों में इनकी संख्या और तेजी से बढ़ेगी। इंटरनेट यूजर की संख्या बढ़ने पर इनकी मांग और अधिक बढे़गी।

लॉजिस्टिक्स 
ई-कॉमर्स की उछाल ने लॉजिस्टिक्स को काफी तेजी से उभारने का काम किया है। ई-कॉमर्स में आ रही तेजी के साथ ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए प्रोडक्ट की डिलीवरी भी महत्वपूर्ण हो गई है। इसे देखते हुए अब कई ई-कॉमर्स कंपनियां स्थापित लॉजिस्टिक कंपनियों पर निर्भर रहने की बजाय कस्टमर्स तक तेज सर्विस पहुंचाने के लिए खुद की लॉजिस्टिक सर्विस भी शुरू कर रही हैं। फ्लिपकार्ट, जबॉन्ग, स्नैपडील, मिंत्रा जैसी तमाम ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियां प्रोडक्ट बुकिंग तो ऑनलाइन करती है, लेकिन उन प्रोडक्ट की सही पैकिंग से लेकर ग्राहकों तक उसकी सुरक्षित डिलीवरी का सारा दारोमदार लॉजिस्टिक्स के कंधों पर ही होता है। यह सेक्टर में बुकिंग मैनेजर, प्रोडक्ट मैनेजर, कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव, डिलीवरी ब्यॉय जैसे तमाम पदों पर रिक्रूटमेंट तेजी से बढ़ रहा है। यहां तक कि ई-कॉमर्स कंपनियां बड़ी-बड़ी फूड चेन के डिलीवरी ब्यॉय तक को दोगुनी सैलरी और इंसेंटिव्स ऑफर कर अपनी तरफ आकर्षित कर रही हैं।

ई-कॉमर्स
वर्ष 2014 में ई-कॉमर्स इंडस्ट्री में जैसा रिवॉल्यूशन आया, वह पहले कभी नहीं देखा गया था। दशकों से स्थापित कॉरपोरेट कंपनियों तक को इसने अपनी ग्रोथ से चौंकाया। ऐसे में इसने युवाओं के लिए भी बेस्ट करियर ऑप्शन के रूप में काफी कम समय में पहचान बना ली है। भारत में तेज रफ्तार से इंटरनेट यूजर्स की संख्या बढ़ने से करीब 2.5 करोड़ लोग ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हैं। इस इंडस्ट्री का कारोबार आज 12 अरब डॉलर से ज्यादा का हो चुका है और साल 2020 तक इसके 75 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। मेट्रो सिटी से लेकर सुदूर गांव तक इंटरनेट ने ई-कॉमर्स के मार्केट की आसान पहुंच बना दी है। अलीबाबा, ई-बे और अमेजन की तरह फ्लिपकार्ट, स्नैपडील, जबॉन्ग, मिंत्रा, होमशॉप18 जैसी कई इंडियन ई-कॉमर्स कंपनियां करोड़ों-अरबों का बिजनेस कर रही हैं। स्टार्टअप्स भी अपने इनोवेशन के साथ ई-कॉमर्स का फायदा उठा रहे हैं। इससे न सिर्फ एंटरप्रेन्योशिप, बल्कि मार्केटिंग, फाइनेंस, लॉजिस्टिक, वेयरहाउस, ग्राफिक्स के क्षेत्र में जॉब के नए अवसर पैदा हो रहे हैं।

कैब सुपरवाइजर
भले ही दिल्ली में यूएस बेस्ड एक कैब सर्विस के ड्राइवर की शर्मनाक हरकत से ऑनलाइन टैक्सी सर्विस पर विवाद पैदा हो गया हो, पर एक फोन पर घर बैठे कैब की सुविधा ने लोगों के जीवन को आसान बना दिया है। ईजी कैब्स, मेरू कैब्स, ओलाकैब्स, टैक्सी फॉर श्योर, मेगा कैब्स, उबर जैसी ढेरों कंपनियां एक कॉल पर चंद मिनटों में लोगों की सेवा के लिए हाजिर रहते हैं। जिस तरह से काफी कम समय में देशी-विदेशी कैब कंपनियों की संख्या बढ़ी हैं, उससे इस क्षेत्र कई लेवल्स पर प्रोफेशनल्स की डिमांड बढ़ी है। लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए देशी-विदेशी कैब्स कंपनियां देशभर में अपने फ्रेंचाइजी का विस्तार कर रही हैं। कैब्स के इस बढ़ते कारोबार की वजह से फ्रेंचाइजी ऑनर, कैब सुपरवाइजर, मैनेजर, कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव, ड्राइवर जैसे ढेरों पदों पर काबिल लोगों को नौकरियां मिल रही हैं।

0 comments:

Post a Comment