Chief Election Commissioners of India in Hindi
चुनाव आयोग व मुख्य चुनाव आयुक्त (Election Commission
and Chief Election Commissioners of India in Hindi)
चुनाव आयोग (Election Commission)
भारतीय मुख्य चुनाव आयुक्त
भारतीय चुनाव आयोग का
प्रमुख होता है
और भारत में
स्वतंत्र एवं निष्पक्ष
रूप से राष्ट्र
और राज्य के
चु्नाव करवाने का जिम्मेदार
होता हैं। मुख्य
चुनाव आयुक्त की
नियुक्ति भारत का
राष्ट्रपति करता है।
मुख्य चुनाव आयुक्त
का कार्यकाल ६
वर्ष या ६५
साल, जो पहले
हो, का होता
है। चुनाव आयुक्त
का सम्मान और
वेतन भारत के
सर्वोच्च न्यायलय के न्यायधीश
के सामान होता
है। मुख्य चुनाव
आयुक्त को संसद
द्वारा महाभियोग के जरिए
ही हटाया जा
सकता हैं।
संरचना
आयोग में वर्तमान
में एक मुख्य
चुनाव आयुक्त और
दो चुनाव आयुक्त
होते हैं। जब
यह पहले पहल
१९५० में गठित
हुआ तब से
और १५ अक्टूबर,
१९८९ तक केवल
मुख्य निर्वाचन आयुक्त
सहित यह एक
एकल-सदस्यीय निकाय
था। १६ अक्टूबर,
1989 से 1 जनवरी, 1990 तक यह
आर. वी. एस.
शास्त्री (मु.नि.आ.) और
निर्वाचन आयुक्त के रूप
में एस.एस.
धनोवा और वी.एस. सहगल
सहित तीन-सदस्यीय
निकाय बन गया।
2 जनवरी, 1990 से 30 सितम्बर, 1993 तक
यह एक एकल-सदस्यीय निकाय बन
गया और फिर
1 अक्टूबर, 1993 से यह
तीन-सदस्यीय निकाय
बन गया।
चुनाव आयुक्तों की
नियुक्ति
एवं
कार्यावधि
मुख्य चुनाव आयुक्त और
अन्य चुनाव आयुक्तों
की नियुक्ति भारत
का राष्ट्रपति करता
है। मुख्य चुनाव
आयुक्त का कार्यकाल
६ वर्ष या
६५ साल, जो
पहले हो, का
होता है जबकि
अन्य चुनाव आयुक्तों
का कार्यकाल ६
वर्ष या ६२
साल, जो पहले
हो, का होता
हैं। चुनाव आयुक्त
का सम्मान और
वेतन भारत के
सर्वोच्च न्यायलय के न्यायधीश
के सामान होता
है। मुख्य चुनाव
आयुक्त को संसद
द्वारा महाभियोग के जरिए
ही हटाया जा
सकता हैं।
भारत निर्वाचन आयोग के
पास विधानसभा, लोकसभा,
राज्यसभा और राष्ट्रपति
आदि चुनाव से
सम्बंधित सत्ता होती है
जबकि ग्रामपंचायत, नगरपालिका,
महानगर परिषद् और तहसील
एवं जिला परिषद्
के चुनाव की
सत्ता सम्बंधित राज्य
निर्वाचन आयोग के
पास होती है।
मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election
Commissioner)
भारतीय मुख्य चुनाव आयुक्त
भारतीय चुनाव आयोग का
प्रमुख होता है
और भारत में
स्वतंत्र एवं निष्पक्ष
रूप से राष्ट्र
और राज्य के
चु्नाव करवाने का जिम्मेदार
होता हैं। मुख्य
चुनाव आयुक्त की
नियुक्ति भारत का
राष्ट्रपति करता है।
मुख्य चुनाव आयुक्त
का कार्यकाल ६
वर्ष या ६५
साल, जो पहले
हो, का होता
है। चुनाव आयुक्त
का सम्मान और
वेतन भारत के
सर्वोच्च न्यायलय के न्यायधीश
के सामान होता
है। मुख्य चुनाव
आयुक्त को संसद
द्वारा महाभियोग के जरिए
ही हटाया जा
सकता हैं।
चुनाव आयोग के मुख्य कार्य निम्न प्रकार से है:
- आम चुनावों से पहले निर्वाचक-सूची तैयार करना।
- योग्य मतदाताओं का पंजीकरण करना व पहचान-पत्र जारी करना।
- विभिन्न राजनीतिक पार्टियों को मान्यता प्रदान करना व उन्हें चुनाव चिन्ह आवंटित करना।
- राजनीतिक पार्टियों के लिए आचारसंहिता तैयार करना।
- राष्ट्रपति को सांसदों के अयोग्यता के संबंध में सुझाव देना।
- चुनाव व्यवस्था से संबंधित विवादों के निपटारे के लिए चुनाव अधिकारी की नियुक्ति करना।
- विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के लिए केंद्रीय प्रचार व प्रसारण के लिए नियम तैयार करना।
- समय-समय पर मतदाताओं की सूची का नवीनीकरण करना।
भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त
|
|
नाम
|
कार्यकाल
|
सुकुमार सेन
|
21 मार्च 1950
- 19 दिसंबर 1958
|
के. वी. के. सुंदरम
|
20 दिसंबर 1958
- 30 सितंबर 1967
|
एस. पी. सेन वर्मा
|
01 अक्टूबर 1967
- 30 सितंबर 1972
|
डॉ. नागेंद्र सिंह
|
01 अक्टूबर 1972
- 6 फरवरी 1973
|
टी. स्वामीनाथन
|
07 फरवरी 1973
- 17 जून 1977
|
एस.एल. शकधर
|
18 जून 1977
- 17 जून 1982
|
आर. के. त्रिवेदी
|
18 जून 1982
- 31 दिसंबर 1985
|
आर. वी. एस. पेरिशास्त्री
|
01 जनवरी 1986
- 25 नवंबर 1990
|
श्रीमती वी. एस. रमा देवी
|
26 नवंबर 1990
- 11 दिसंबर 1990
|
टी. एन. शेषन
|
12 दिसंबर 1990
- 11 दिसंबर 1996
|
एम. एस. गिल
|
12 दिसंबर 1996
- 13 जून 2001
|
जे. एम. लिंगदोह
|
14 जून 2001
- 7 फरवरी 2004
|
टी. एस. कृष्णमूर्ति
|
08 फरवरी 2004
- 15 मई 2005
|
बी. बी. टंडन
|
16 मई 2005
- 29 जून 2006
|
एन. गोपालस्वामी
|
30 जून 2006
- 20 अप्रैल 2009
|
नवीन चावला
|
21 अप्रैल 2009
से 29 जुलाई 2010
|
एस. वाई. कुरैशी
|
30 जुलाई 2010
- 10 जून 2012
|
वी. एस संपत
|
11 जून 2012
- 15 जनवरी 2015
|
एच. एस. ब्राह्मा
|
16 जनवरी 2015
- 18 अप्रैल 2015
|
डॉ. नसीम जैदी
|
19 अप्रैल 2015
- अब तक
|
अचल कुमार जोति
|
07-05-2015 से
अब
तक
|
0 comments:
Post a Comment