इन 10 कामों के लिए जरूरी है आधार कार्ड
साल 2009 में लॉन्च किया गया यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर यानी आधार कार्ड अब बेहद अहम होने जा रहा है। मोदी सरकार इसको कानूनी पहचान देने जा रही है, जिससे यह हर जगह मान्य हो जाएगा। ऐसे में इसकी अहमियत आगे और बढ़ जाएगी। हालांकि ऐसी तमाम सर्विस हैं, जहां यह अभी भी बेहद जरूरी है। अगर आपके पास आधार कॉर्ड नहीं है तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। क्योंकि मोदी सरकार इस दस्तावेज को इसको कानूनी तौर पर पहचान देने जा रही है, जिससे यह प्रूफ हर जगह मान्य हो जाएगा।
इन स्कीम्स के लिए ही जरूरी है आधार कॉर्ड:
1. प्रधानमंत्री जनधन योजना: गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल प्रधानमंत्री जनधन योजना को मोदी सरकार ने 28 अगस्त, 2014 को लॉन्च किया था। सरकार का उद्देश्य इस योजना के जरिए देशभर में सभी परिवारों को बैंकिंग सुविधा मुहैया कराना और हर परिवार का बैंक अकाउंट खोलना है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड ही पर्याप्त है।
2. डीबीटीएल स्कीम: आधार कार्ड पर आधारित डायरेक्ट बेनेफिट स्कीम (एलपीजी सब्सिडी) केंद्र सरकार की एक बड़ी योजना है। इसके जरिए लाभार्थियों को सब्सिडी उनके बैंक अकाउंट में सीधे ट्रांसफर की जाती है। इस स्कीम को मोदी सरकार ने फिर से लॉन्च किया और पहल नाम दिया है।
3. 7 से 10 दिन में बनेगा पासपोर्ट: पासपोर्ट बनवाने के लिए भी सबसे अहम डॉक्युमेंट के तौर पर आधार कार्ड का इस्तेमाल किया। सरकार ने पासपोर्ट बनवाना पहले की अपेक्षा अब और आसान बना दिया है, पहले आपको पासपोर्ट जारी किया जाएगा। उसके बाद पुलिस वेरीफिकेशन होगा। वहीं, पासपोर्ट के लिए आधार नंबर को अनिवार्य बना दिया गया, जिससे इसको बनवाना बेहद जरूरी है।
4. वोटर कार्ड लिंकिंग: अब 12 डिजिट वाले आधार कार्ड आपको अपने वोटर आइडी कार्ड से लिंकअप करना होगा। इस योजना की शुरुआत 9 मार्च, 2015 से शुरू की गई है। क्योंकि एक बार आधार कार्ड से जब वोटर आइडी कार्ड लिंकअप हो जाएगा तो उसके बाद कोई फर्जी वोटर आइडी कार्ड नहीं बनवा पाएगा। साथ ही वोट डालते वक्त आधार कार्ड लाना भी अनिवार्य कर दिया गया है।
5. मंथली पेंशन स्कीम: सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत चलाई जा रही मंथली पेंशन योजनाओं का फायदा सही लाभार्थियों तक पहुंचाने के लिए कई राज्य सरकारों ने इसे आधार कार्ड नंबर से जोडऩे का काम शुरू कर दिया है। ताकि, कोई फर्जी पेंशन कार्ड बनवाकर उसका लाभ न उठा सके।
6. प्रॉविडेंट फंड: प्रॉविडेंट फंड का पैसा भी उसी अकांउट होल्डर को आसानी से मिलेगा, जो 12 डिजिट वाले अपने आधार नंबर को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के यहां रजिस्टर्ड करवाया है। ताकि, रिटायरमेंट के बाद किसी भी कमर्चारी को पैसा निकालने में कठिनाई ना हो इसके लिए आधार कार्ड को अनिवार्य बनाया गया है।
7. डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट: डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट आधार कार्ड लिंकअप पर आधारित डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट स्कीम को डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक एंड आईटी के स्कीम को मोदी सरकार ने लॉन्च किया है। मोदी ने यह स्कीम पेंशनभोगियों के लिए लॉन्च की है, जिसका नाम ‘जीवन प्रमाण’ रखा गया है। इस स्कीम से 1 करोड़ से अधिक पेंशनभोगी को फायदा होगा। सरकार का इस स्कीम को लॉन्च करने का मकसद उस व्यवस्था की अनिवार्यता को खत्म करना है, जिसके तहत प्रत्येक पेंनशनभोगी को हर साल खुद बैंक में जाकर लाइफ सर्टिफिकेट पेश करना पड़ता है।
8. सेबी ने दी रेजिडेंशियल प्रूफ के तौर पर मान्यता: हाल में सिक्युरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने भी स्टॉक एक्सचेंज में इन्वेस्टमेंट करने के लिए निवास प्रमाण पत्र के रूप में आधार कार्ड को मंजूरी दे दी है। इसके पहले सेबी स्टॉक एकसचेंज में इन्वेस्टमेंट करने वालों के लिए आधार कार्ड को सिर्फ पहचान प्रमाण पत्र के तौर पर मंजूरी दी थी।
9. नए बैंक अकाउंट खोलने के लिए: 12 डिजिट वाले आधार कार्ड का एक और बड़ा लाभ यह है कि यदि आप किसी बैंक में अपना अकाउंट खोलना चाहते हैं तो आपको किसी और डॉक्युमेंट की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसकी वजह यह है कि सरकार ने आधार नंबर को किसी भी सरकारी काम के लिए डॉक्युमेंट प्रूफ के तौर मान्यता पहले से ही दे रखी है और बैंक भी इसको नए अकाउंट खोलने के लिए स्वीकार करने लगे हैं। चूंकि, आधार कार्ड पर आपके घर का पूरा पता दर्ज होता है जिससे उन्हें भी आसानी होती है।
10. डिजिटल लॉकर: मोदी सरकार ने आधार कार्ड पर अधारित एक और स्कीम डिजिटल लॉकर सिस्टम को लॉन्च किया है, जिसका मकसद प्रत्येक भारतीय के सभी पर्सनल डॉक्युमेंट को ऑनलाइन सुरक्षित रखना है। इस स्कीम का लाभ युवा वर्ग को ज्यादा मिलेगा। 12 डिजिट वाले आधार कार्ड के जरिए कोई भी साइन-इन करके अपना जरूरी डॉक्युमेंट सरकारी सर्वर पर सुरक्षित रख सकता है। इस स्कीम का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यदि किसी ने अपने डॉक्युमेंट चाहे एकेडमिक हों या पर्सनल डिजिटल लॉकर में रख दिया है तो उसे कहीं जाने या मांगे जाने पर डॉक्युमेंट को लेकर जाने की जरूरत नहीं होगी। सरकार ने डिजिटल इंडिया कैंपेन के तहत जुलाई, 2015 में यह स्कीम लॉन्च की थी। इस स्कीम के तहत अभी तक 10.64 लाख यूजर रजिस्टर्ड हो चुके हैं। इनके जरिए 36 लाख डॉक्युमेंट इश्यू किए गए हैं, वहीं 16.17 लाख डॉक्युमेंट अपलोड किए जा चुके हैं।
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