Top 10 Facts and Key Features of Nepal’s New Constitution ( नेपाल के नए संविधान की 10 खास बातें)
नेपाल का नया
संविधान जारी
हो गया
है। 598 सदस्यों की संविधान
सभा में
507 वोट इसके
पक्ष में
पड़े और
25 खिलाफ, जबकि
66 गैर मौजूद
रहे।
थारू और मधेशी
समुदाय के लोग
इसका विरोध
कर रहे
हैं। नए संविधान के लागू
होने के बाद
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति,
प्रधानमंत्री, संसद
अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पदों
के लिए
नए सिरे
से चुनाव
होंगे। संविधान
लागू होने
के एक महीने
के भीतर
ये चुनाव
कराने होंगे।
फिलहाल नेपाल
का 65 साल
पुराना संविधान
बदल चुका
है। जानिए
इसकी 10 खास
बातें:-
- नेपाल अब संघीय गणराज्य होगा। संघवाद इसका मूल सिद्धांत है। यानी राजशाही का औपचारिक अंत।
- धर्मनिरपेक्षता संविधान का दूसरा मूल सिद्धांत है। यानी नेपाल अब हिंदू राष्ट्र से धर्मनिरपेक्ष देश बन गया है।
- देश में अब सात नए राज्य होंगे। इन राज्यों, केंद्र और लॉकल बॉडी की शक्तियों की अलग लिस्ट होगी।
- इन्क्लूसिवनेस यानी आर्थिक समानता आधारित समतामूलक समाज। पुराने ढांचे में एक समुदाय का प्रभुत्व था।
- आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक मूल अधिकारों की लंबी लिस्ट है। इनके लिए कोर्ट जाने का अधिकार।
- नेपाली महिलाओं को विदेशी पुरुष से शादी करने पर अपने बच्चों को नेपाली नागरिकता देने का अधिकार।
- अब नेपाल में संसदीय सरकार होगी। संविधान परिषद मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करेगी। स्वतंत्र एवं निष्पक्ष न्यायपालिका होगी।
- नए संविधान के तहत न्यायिक परिषद सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट और जिला जजों को नॉमिनेट करेगी।
- मूल भावना यह है कि नेपाल के शासन में हर नेपाली नागरिक की बराबर की भागीदारी हो।
- संविधान की प्रस्तावना में बहुदलीय लोकतांत्रिक प्रणाली, मानवाधिकार, वोट देने का अधिकार, प्रेस की आजादी, और कानून आधारित समाजवाद की बुनियाद की बात कही गई है।
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